छत्तीसगढ़ : चोरी के आरोप में दलित को खम्बे से बांध कर पीटा, भीड़ ने ले ली जान!

06:10 PM Dec 23, 2024 | Ankit Pachauri

रायगढ़- छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के चक्रधर नगर थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम डुमरपाली, बनोरा में 22 दिसंबर को चोरी के आरोप में एक दलित व्यक्ति, पंचराम उर्फ बुटु सारथी, की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। यह घटना दलित समुदाय के खिलाफ बढ़ती हिंसा और मानवाधिकारों के हनन का गंभीर उदाहरण है।

बीते रात ग्रामीणों ने चोरी का आरोप लगाते हुए 55 वर्षीय पंचराम को पकड़कर एक खम्बे से बांध दिया। अगले दिन भीड़ ने कानून को हाथ में लेते हुए उसे बेरहमी से पीट-पीटकर मार डाला। पुलिस ने इस मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 103 और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धारा 3(5) के तहत मामला दर्ज किया है।

यह घटना केवल एक व्यक्ति की हत्या नहीं है, बल्कि यह समाज में व्याप्त जातीय भेदभाव और अन्यायपूर्ण मानसिकता का प्रतीक है। रायगढ़ सहित पूरे छत्तीसगढ़ में दलितों के खिलाफ इस तरह की घटनाएं बार-बार हो रही हैं।

पहले भी सामने आए ऐसे मामले

यह पहली घटना नहीं है जब चोरी का आरोप लगाकर किसी दलित व्यक्ति की भीड़ द्वारा हत्या कर दी गई हो। इससे पहले रायगढ़ के लैलूँगा थाना क्षेत्र में भी एक दलित व्यक्ति, अरविंद सारथी, की पुलिस थाने में ही पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। उस मामले में विशेष न्यायाधीश ने पुलिस की जांच प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए सीबीआई जांच की सिफारिश की थी।

हालांकि वह मामला अभी भी बिलासपुर में लंबित है और पीड़ित परिवार 15 वर्षों से न्याय की प्रतीक्षा कर रहा है। ऐसी घटनाओं के दोहराव से यह स्पष्ट होता है कि सरकार और प्रशासन दलितों के खिलाफ हो रही हिंसा को रोकने में विफल रहे हैं।

भीड़ द्वारा कानून को हाथ में लेना और दलितों के खिलाफ बार-बार इस तरह की घटनाएं यह दिखाती हैं कि छत्तीसगढ़ में मानवाधिकारों के प्रति सरकारी जवाबदेही लगातार गिर रही है। यह केवल कानून व्यवस्था की विफलता नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा मुद्दा है जो समाज में व्याप्त असमानता और जातीय भेदभाव को उजागर करता है।

न्याय की मांग

इस मामले में बहुजन संगठनों ने पंचराम सारथी की हत्या के मामले में भीड़ के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है। संगठनों का कहना है, सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पीड़ित परिवार को न्याय मिले और भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।