हरियाणा: दलितों के मंदिर जाने का 30 साल पुराना रास्ता बंद किया!

11:58 AM Jun 29, 2024 | Satya Prakash Bharti

हरियाणा। फरीदाबाद के बल्लभगढ़ क्षेत्र के मोहना रोड स्थित मंदिर में जाने के लिए 30 साल पुराना रास्ता बंद कर दिया गया। यह रास्ता दलित बस्ती से होकर मंदिर की तरफ जाता था। आरोप है कि जो लोग इस रास्ते को बंद करवा रहे थे, उन्ही लोगों ने पुलिस भी बुला ली। मौके पर आये थाना प्रभारी और चौकी इंचार्ज ने दलित महिला सहित उसकी बहनों की पिटाई की, चार घंटे तक थाने में बैठाये रखा। इससे आक्रोशित होकर दलित समाज के लोगों ने थाने के बाहर जमकर नारेबाजी और प्रदर्शन किया।

दरअसल, पूरा मामला बल्लभगढ़ क्षेत्र के मोहना रोड स्थित तकिया वाली गली नंबर 8 का है। इस इलाके में रहने वाली गीता और उसकी बहन गंगा देवी ने आरोप लगाया है कि 21 जून को उनकी गली में पिछले 30 वर्षों से बने शिव मंदिर का रास्ता एक तरफ से बंद किया जा रहा था। जब हम तीन बहनों ने इसका विरोध किया तो मंदिर का रास्ता बंद करने वाले लोगों ने पुलिस बुला ली। इसके बाद थाना सिटी बल्लभगढ़ के प्रभारी महेंद्र और अग्रसेन चौकी के इंचार्ज कपिल मौके पर पहुंचे और उन्होंने मंदिर का मौका मुआयना किया।

गंगा और गीता का आरोप है कि उनके दलित होने की बात सुनते ही प्रभारी महेंद्र ने कहा कि तुम्हें मंदिर में जाने की क्या जरूरत है और उन्हें जाति सूचक शब्द भी कहे। इस बात को लेकर गंगा और उसकी बहन भड़क गईं और प्रभारी द्वारा कहे गई इस बात का जब उन्होंने विरोध किया तो पुलिसकर्मी ने दुर्गा शक्ति की टीम को बुलाकर उन्हें घर के अंदर से निकाल कर मारपीट करते हुए जबरन गाड़ी में डाल लिया और थाने में ले जाकर तीनों बहनों के साथ मारपीट की और चार घंटे तक थाने में बैठाए रखा।

गंगा और गीता का आरोप है कि पुलिस जब उनको लेकर जा रही थी तो उनका एक ढाई साल का बच्चा भी नीचे गिर गया। जिसे चोट आई है। गीता ने बताया कि घटना के वीडियो सहित सभी सबूत उनके मोबाइल फोन में थे। थाने में ले जाने के बाद फोन छीन लिए गए और 4 घंटे के बाद जब उन्हें छोड़ा गया। पुलिस ने उनके फोन का सारा डाटा डिलीट कर दिया। इस मामले में पीड़ित ने अधिकारी के दफ्तर के चक्कर काटे। मामले में कार्रवाई नहीं होने पर थाने के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।

द मूकनायक ने थाना सिटी बल्लभगढ़ प्रभारी महेंद्र से बातचीत की। उन्होंने बताया -"महिलाओं द्वारा आरोप लगाया गया है, वह पूरी तरह से गलत है। मंदिर के मामले को लेकर कमेटी के लोग ही महिलाओं को दुर्गा शक्ति की मदद से थाने लेकर आए थे।"