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'राम-राम' न कहने पर दलित समुदाय के दो बुजुर्गों को लाठी से पीटा, जातिसूचक गालियां देने का भी आरोप

फतेहगंज (उत्तर प्रदेश): इंसानियत को शर्मसार करने वाली एक घटना में, फतेहगंज थाना क्षेत्र के जबरापुर गाँव में मंगलवार शाम दो बुजुर्गों पर केवल इसलिए जानलेवा हमला कर दिया गया क्योंकि उन्होंने कुछ लोगों के आने पर चारपाई से उठकर 'राम-राम' नहीं किया था। अनुसूचित जाति से आने वाले इन बुजुर्गों को लाठी और चाकू से हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया गया।

दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार, पीड़ित 60 वर्षीय भगत वर्मा और 70 वर्षीय कल्लू श्रीवास ने बताया कि वे अपने खेत में काम कर रहे थे, तभी नशे में धुत कुछ लोग वहां आ धमके। आरोप है कि राकेश नामक व्यक्ति अपने तीन अज्ञात साथियों के साथ वहां पहुँचा और चारपाई पर बैठे भगत वर्मा से खड़े होकर सम्मान न देने की बात पर बहस करने लगा।

विवाद इतना बढ़ा कि हमलावरों ने पहले भगत वर्मा को जातिसूचक गालियां दीं और फिर लाठियों से पीटना शुरू कर दिया। जब उनके साथी कल्लू श्रीवास उन्हें बचाने के लिए आगे आए, तो हमलावरों ने उन पर चाकू से वार कर दिया, जिससे दोनों लहूलुहान हो गए।

शोर मचाने पर भी मदद को नहीं आए लोग

पीड़ितों के अनुसार, उनके चीखने-चिल्लाने की आवाज़ सुनकर आसपास के लोग इकट्ठा तो हुए, लेकिन हमलावरों के डर से कोई भी उन्हें बचाने की हिम्मत नहीं जुटा पाया। हमलावर जाते-जाते दोनों को जान से मारने की धमकी भी दे गए। कल्लू श्रीवास ने यह भी आरोप लगाया है कि हमलावर उनकी जेब में रखे 500 रुपये भी लूट ले गए।

पुलिस ने दर्ज की FIR, जांच जारी

घटना की जानकारी मिलने के बाद भगत वर्मा के बेटे गंगाराम ने पुलिस में तहरीर दी। इस मामले पर सीओ प्रवीण कुमार ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ मारपीट और एससी/एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पीड़ित पक्ष द्वारा हमलावरों का संबंध दस्यु ठोकिया गैंग से होने का आरोप लगाया जा रहा है, जो कि सही नहीं है, क्योंकि अब उस गैंग का कोई सदस्य सक्रिय नहीं है। पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही है और आरोपियों की तलाश जारी है।

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