बड़ीसादड़ी/चित्तौड़गढ़- राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले के देलवास गांव में एक दिल दहलाने वाली घटना ने मेघवाल समाज में आक्रोश की लहर पैदा कर दी है। कलकीपूरा रोड पर किराने की दुकान चलाने वाले दलित दुकानदार शिवलाल मेघवाल पर उधार न देने के कारण तीन लोगों ने चाकू और लाठियों से हमला कर दिया। इस हमले में शिवलाल गंभीर रूप से घायल हो गए, और उनकी पत्नी के साथ भी छेड़छाड़ का प्रयास किया गया। इस घटना ने स्थानीय समुदाय को झकझोर कर रख दिया है और मेघवाल समाज ने आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
द मूकनायक को समुदाय के एक सदस्य से मिली जानकारी के अनुसार 28 जुलाई को देलवास निवासी शिवलाल मेघवाल अपनी किराने की दुकान पर बैठे थे। इस दौरान गणपत लाल मोगिया दुकान पर आया और उसने बीड़ी, माचिस, और तानसेन (गुटखा) उधार मांगा। शिवलाल ने उधार देने से मना कर दिया, जिसके बाद गणपत ने जातिगत अपमानजनक शब्द जैसे "चमारटा" और "ढेड़्या" का उपयोग करते हुए शिवलाल को धमकी दी कि "तेरी यह औकात कि तू उधार नहीं देगा, तुझे कल देख लूंगा।"
अगले दिन मंगलवार शाम करीब 6 बजे, गणपत लाल मोगिया, रामलाल, और रामलाल की पत्नी ने एकजुट होकर शिवलाल की दुकान पर हमला बोल दिया। इस दौरान शिवलाल की पत्नी कुसुम और उनकी सास भी दुकान पर मौजूद थीं। गणपत के हाथ में चाकू था, जबकि रामलाल और उसकी पत्नी लाठियों से लैस थे। हमलावरों ने शिवलाल को "चमारटा" और "मेतर" जैसे जातिगत अपमानजनक शब्दों से अपमानित किया और गणपत ने शिवलाल के सीने में चाकू से वार कर दिया, जिससे वह लहूलुहान होकर बेहोश हो गया। इसके बाद रामलाल और उसकी पत्नी ने शिवलाल की पीठ पर लाठियों से प्रहार किए।
हमले के दौरान रामलाल ने कुसुम को बांहों में जकड़ लिया और बदतमीजी की । कुसुम के चिल्लाने पर आसपास के लोग प्रीतम मेघवाल, हरीश, मुकेश मेघवाल, धर्मेश मेघवाल, और दुर्गाशंकर आदि मौके पर पहुंचे। भीड़ को देखकर तीनों हमलावर भाग गए। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि वे समय पर न पहुंचे होते तो हमलावर शिवलाल को मौके पर ही मार डालते।
घायल शिवलाल को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। शिवलाल की पत्नी कुसुम ने डूंगला थाने में उपस्थित होकर गणपत लाल मोगिया, रामलाल, और रामलाल की पत्नी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने प्रकरण संख्या 86/2025 पंजीकृत किया है, और डीवाईएसपी बड़ीसादड़ी के निर्देशन में मामले की जांच और कार्रवाई जारी है।

इस घटना ने मेघवाल समाज में भारी रोष पैदा कर दिया है। समाज के लोगों ने तीनों आरोपियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग की है। सामाजिक कार्यकर्ता शंकरलाल मेघवाल बिलडी ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा, "ऐसी घटनाएं सभ्य समाज पर कलंक हैं। पुलिस प्रशासन को ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए त्वरित और सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं रोकी जा सकें।"
मेघवाल समाज ने इस घटना को जातिवाद और हिंसा का घिनौना उदाहरण बताते हुए पुलिस प्रशासन से मांग की है कि आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर कठोर सजा दी जाए। समाज के लोगों का कहना है कि ऐसी घटनाएं न केवल दलित समुदाय के खिलाफ अपराध हैं, बल्कि सामाजिक सौहार्द को भी नुकसान पहुंचाती हैं।