‘तुम तो शक्ल से क्रिमिनल लगते हो, चमा@%$ हो..?’: जातिगत टिप्पणी से नाराज छात्रों ने प्रिंसिपल पर FIR दर्ज करने की मांग की!

05:37 PM Nov 22, 2024 | Rajan Chaudhary

नई दिल्ली: शक के आधार पर शहीद भगत सिंह कॉलेज के छात्र को प्रिंसिपल द्वारा मानसिक रूप से प्रताड़ित करने और जातिगत टिप्पणी करने का मामला सामने आया है. नाराज छात्रों और छात्र संगठन बीते कई दिनों से मामले को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं और प्रिंसिपल के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग कर रहे हैं.

घटना की जानकारी जब दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्र संगठन को हुए तो वह पीड़ित दलित छात्र के न्याय को लेकर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिए. छात्र 18 नवम्बर को पहली बार शहीद भगत सिंह कॉलेज में धरना प्रदर्शन शुरू किये. तब से छात्र लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. शुक्रवार को भी उन्होंने मालवीय नगर थाने के सामने प्रदर्शन कर न्याय की मांग की.  

आइसा, दिल्ली यूनिवर्सिटी की सेक्रेटरी अंजली ने आरोप लगाया कि प्रिंसिपल ने कॉलेज में छात्रों के बीच डर का माहौल कायम कर रखा है. 

प्रिंसिपल अरुण कुमार अत्री के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते छात्र

वह बताती हैं कि, पिछले माह, लगभग 24 अक्टूबर को शहीद भगत सिंह कॉलेज के क्लास के एक Whatsapp ग्रुप पर अश्लील वीडियोज कुछ छात्रों के फोन से भेजी गईं थी. पिछले सेमेस्टर में भी ऐसा कुछ हुआ था. दूसरी बार फिर ऐसी घटना पर कुछ छात्रों ने टीचर्स को पत्र लिख कर मांग की कि मामले की जांच किया जाए. 

इसके बाद शक के आधार पर पहले दो छात्रों से कॉलेज प्रशासन ने पूछताछ की और एक फॉर्म भरकर हस्ताक्षर करने के लिए कहा गया जिसके आधार पर यह माना जाता कि सम्बंधित छात्र ने यह गलती की है, जिसमें वह गलती स्वीकार कर रहा है और वादा कर रहा है कि आगे भविष्य में ऐसी गलती नहीं होगी. हालांकि, पहले छात्रों ने फॉर्म पर साइन करने से यह कहकर मना कर दिया कि जब उन्होंने WhatsApp ग्रुप में वह सब चीजें भेजी ही नहीं फिर क्यों माने कि वह उन्होंने ही किया है. हालांकि, काफी दबाव के बाद छात्रों ने फॉर्म पर साइन कर दिया. 

मामले में छात्रों से पूछे जाने पर कि, क्लास के whatsapp ग्रुप में उनके नंबर से अश्लील वीडियोज कैसे आए, तो सम्बंधित छात्रों ने कहा कि उनके whatsapp हैक हो गए थे. छात्रों का कहना था कि उन्हें अच्छी तरह पता है कि अगर वह ऐसा जानबूझकर करते हैं तो उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई हो सकती है, फिर वह ऐसा कैसे कर सकते हैं. 

कुछ दिन तक और चली जांच में क्लास के कुल छात्रों में से लगभग 10-12 छात्रों को इस घटना के सम्बन्ध में शक के घेरे में रखा गया. और बिना सहमति के सभी छात्रों के मोबाइल फोन जब्त कर लिए गए, यह जानते हुए भी कि हर किसी के फोन में उनकी कई निजी और व्यक्तिगत जानकारियां, बातचीत और फोटोज होते हैं. 

जिन 12 लोगों के फोन जब्त किये गए थे उनमें एक छात्र सुमित चौहान भी थे. हालांकि, उनके फोन नंबर से यह घटना नहीं हुई थी. लेकिन वह भी शक के दायरे में थे. जांच के दौरान कॉलेज प्रशासन ने पाया कि सुमित के फोन में दो WhatsApp है. 

अंजली का आरोप है कि, “सिर्फ दो whatsapp एकाउंट्स के आधार पर जांचकर्ताओं ने यह खुद से स्थापित कर लिया कि सुमित के पास दो whatsapp एकाउंट्स हैं, यह कोई नई तकनीकी होगी. शायद इसी ने whatsapp एकाउंट्स को हैक किया होगा.”

इसके बाद सभी अध्यापकों ने सुमित को वही फॉर्म भरकर साइन करने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया. ताकि सुमित स्वीकार कर ले कि यह सब उसी ने किया है. 

हालांकि, सुमित ने साफ मना कर दिया. उसने कहा कि जब उसने ऐसा नहीं किया है तो कैसे स्वीकार कर ले कि यह उसने ही किया है. इसके बाद उसे अध्यापकों और कॉलेज के छात्रों द्वारा सार्वजानिक रूप से अपमानित किया जाने लगा. जिससे वह मानसिक रूप से खुद को प्रताड़ित महसूस करने लगा.

घटना के पीछे होने की बात को स्वीकार न करने के बाद सुमित को प्रिंसिपल के पास ले जाया गया. आरोप है कि वहां सुमित को प्रिंसिपल अरुण कुमार अत्री ने कहा कि- “तुम तो शक्ल से क्रिमिनल लगते हो. तुम्हारी कौन सी जाति है..? चमार हो..!!”

अंजली ने बताया कि प्रिंसिपल ने सुमित के साथ जातिसूचक शब्दों के साथ बर्ताव किया. चूंकि सुमित दलित समाज से आते हैं. उसके बाद प्रिंसिपल ने उसे 4-5 थप्पड़ भी मारे, और पीटने के लिए अध्यापकों से डंडा भी मांगा. 

इस घटना से परेशान सुमित मालवीय नगर थाने में प्रिंसिपल के खिलाफ FIR दर्ज करवाने भी आया था. हालांकि, उससे शिकायती पत्र तो ले लिया गया लेकिन उसकी FIR नहीं लिखी गई.

अंजली ने द मूकनायक को बताया कि, “एक बच्चा हाशिए के समाज से आता है इसलिए उसे इस तरह से धमकाया गया. मानसिक रूप से प्रताड़ित भी किया गया. हम लोग लगातार 4-5 दिनों से प्रोटेस्ट कर रहे हैं. हमारी मांग है कि एससी-एसटी एक्ट के तहत आरोपी के खिलाफ FIR दर्ज हो. और प्रिंसिपल को गिरफ्तार किया जाए. क्योंकि सुमित को अभी भी धमकी भरे कॉल आ रहे हैं.”