उत्तर प्रदेश: गोरखपुर जिले से दलित उत्पीड़न का एक चिंताजनक मामला सामने आया है। जिले के चौरा-चौरी थाना क्षेत्र अंतर्गत दूधई गांव में एक शादी समारोह के दौरान दलित समाज के छह लोगों के साथ सिर्फ इसलिए मारपीट की गई क्योंकि उन्होंने भोजन करने के लिए पत्तल उठा ली थी। यह घटना 9 मई की है, लेकिन इसकी गंभीरता को देखते हुए अब पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन गई है।
दलित परिवार को था दावत का न्यौता, फिर भी बना भेदभाव का शिकार
जानकारी के अनुसार, दूधई गांव निवासी लालजी के घर शादी समारोह का आयोजन किया गया था। इसी कार्यक्रम में गांव के ही दलित युवक दीनानाथ अपने परिवार के साथ पहुंचे थे। दीनानाथ का कहना है कि उन्हें विधिवत न्यौता दिया गया था, लेकिन जब उन्होंने भोजन के लिए पत्तल उठाई तो राजभर समाज के कुछ लोगों—सोनू, रामचंद्र और भीम—ने उन्हें रोकते हुए अपमानित किया और गाली-गलौज करते हुए वहां से भगा दिया।
रात में घर पर हमला, महिलाएं भी घायल
मामला यहीं नहीं रुका। पीड़ित परिवार जैसे-तैसे वापस अपने घर लौट आया, लेकिन देर रात आरोप है कि वही आरोपी अपने अन्य साथियों के साथ दीनानाथ के घर पर लाठी-डंडों और चाकुओं से लैस होकर पहुंचे और पूरे परिवार पर हमला कर दिया। इस हमले में महिलाओं समेत छह लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। पीड़ितों ने थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसके आधार पर पुलिस ने 11 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।
पुलिस ने दर्ज किया केस, जांच जारी
चौरा-चौरी थाने की पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए आईपीसी की संबंधित धाराओं और एससी/एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जातिगत भेदभाव की जड़ें अभी भी गहरी
यह घटना एक बार फिर यह साबित करती है कि डिजिटल युग में भी समाज में जातिगत भेदभाव की जड़ें गहरी हैं। कभी दलित दूल्हे को घोड़े पर नहीं चढ़ने देना, तो कभी सार्वजनिक जलस्रोतों से पानी लेने पर रोक—ऐसे अनेक उदाहरण समय-समय पर सामने आते रहते हैं। गोरखपुर की यह घटना उसी कड़ी का एक दुखद अध्याय है।