नई दिल्ली: हरियाणा के कैथल जिले में पुलिस थाने के अंदर एक दलित महिला के साथ कथित मारपीट के कुछ दिनों बाद राज्य अनुसूचित जाति आयोग ने मामले में हस्तक्षेप किया है। आयोग के अध्यक्ष रविंद्र बालियाला ने बृहस्पतिवार को करनाल रेंज के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADGP) को एक सप्ताह के भीतर तथ्यात्मक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है।
बालियाला ने यह भी सिफारिश की कि पीड़िता की शिकायत पर दर्ज प्राथमिकी में एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धाराएं जोड़ी जाएं।
आयोग अध्यक्ष कैथल के जिला सचिवालय में जन शिकायतें सुनने आए थे। यहां उन्होंने कुल 26 शिकायतों की सुनवाई की और संबंधित अधिकारियों को उचित कार्रवाई के निर्देश दिए।
गांव सिवान के ग्रामीणों द्वारा 1 जुलाई को उपायुक्त प्रीति को सौंपी गई शिकायत के अनुसार, 27 वर्षीय महिला 30 जून को पुलिस अधिकारियों द्वारा कथित तौर पर पीटी गई थी। महिला 17 वर्षीय एक लापता लड़की के मामले में पूछताछ के लिए थाने गई थी, तभी उसके साथ मारपीट की गई। बताया गया है कि महिला को गंभीर चोटें आई हैं।
पीड़िता की शिकायत पर अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 115 और 127(2, 3, 5) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।
अधिकारियों ने बताया कि आयोग ने पीड़िता के परिवार और दलित समुदाय के सदस्यों से बातचीत के बाद मामले को गंभीरता से लिया।
आयोग के बयान में कहा गया है, “अध्यक्ष ने ADGP को एक सप्ताह में तथ्यात्मक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया। साथ ही स्वास्थ्य महानिदेशक को निर्देश दिया कि पीड़िता की स्थिति का आकलन करने के लिए एक मेडिकल बोर्ड गठित किया जाए, जिसमें पीजीआई रोहतक के डॉक्टर को भी शामिल किया जाए।”
इसके अलावा आयोग ने जिले के पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ उस निजी डॉक्टर को भी तलब किया है जिसने शुरुआती तौर पर महिला का इलाज करने से इनकार कर दिया था। सभी को 15 जुलाई को आयोग के समक्ष पेश होने को कहा गया है। साथ ही आयोग ने जिला अस्पताल में अब तक हुए इलाज की विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी है।
कैथल की पुलिस अधीक्षक (SP) आस्था मोदी ने आयोग को बताया कि शिकायत मिलते ही दो पुलिसकर्मियों को तत्काल निलंबित कर दिया गया। उन्होंने कहा कि करनाल पुलिस की विशेष जांच टीम (SIT) मामले की जांच कर रही है और जांच के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी।