भोपाल। बॉलीवुड अभिनेता इमरान हाशमी और अभिनेत्री यामी गौतम की आने वाली फिल्म ‘हक’ रिलीज से पहले ही विवादों में घिर गई है। फिल्म का टीजर सामने आने के बाद से ही इस पर विवाद बढ़ता जा रहा है। दरअसल, यह फिल्म 1985 के चर्चित शाह बानो केस से प्रेरित बताई जा रही है। इसी आधार पर शाह बानो की बेटी सिद्दीकी बेगम खान ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के इंदौर खंडपीठ में याचिका दायर की है। उन्होंने अदालत से फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की है। मंगलवार को इस याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई, लेकिन अदालत ने फिलहाल कोई फैसला नहीं सुनाया और फैसला सुरक्षित रख लिया है।
सिद्दीकी बेगम खान का कहना है कि फिल्म में उनकी मां की पहचान का उपयोग बिना अनुमति के किया गया है। साथ ही, फिल्म के टीजर और ट्रेलर में दिखाए गए कुछ डायलॉग्स अपमानजनक हैं, जो उनकी मां की छवि को ठेस पहुंचाते हैं। याचिकाकर्ता के अनुसार, फिल्म निर्माताओं ने शाह बानो की पहचान को जानबूझकर विवादित ढंग से प्रस्तुत किया है। यह न केवल नैतिक रूप से अनुचित है बल्कि मृत व्यक्ति की गरिमा का भी हनन करता है।
फिल्म में किरदार का नाम बदला
फिल्म ‘हक’ जंगली पिक्चर्स के बैनर तले बनाई गई है। यामी गौतम इसमें मुख्य भूमिका निभा रही हैं। फिल्म में शाह बानो के किरदार का नाम ‘शाजिया बानो’ रखा गया है। हालांकि, याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया है कि केवल नाम बदल देना पर्याप्त नहीं है, क्योंकि फिल्म की कहानी और घटनाक्रम सीधे शाह बानो केस से प्रेरित हैं। उनके अनुसार, फिल्म के संवादों और दृश्यांकन से यह स्पष्ट होता है कि दर्शक इसे शाह बानो की वास्तविक कहानी के रूप में ही देखेंगे।
वहीं, फिल्म की प्रोडक्शन कंपनी जंगली पिक्चर्स ने अदालत में अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि फिल्म पूरी तरह से एक ड्रैमेटाइज्ड और फिक्शनलाइज्ड अडैप्टेशन है। यानी इसमें कलाकारों को रचनात्मक आज़ादी दी गई है। कंपनी ने स्पष्ट किया कि यह फिल्म किसी भी रूप में बायोपिक नहीं है और न ही यह दावा करती है कि यह शाह बानो की असल कहानी पर आधारित है। प्रोडक्शन हाउस का कहना है कि फिल्म में शाह बानो या उनके विचारों को नकारात्मक रूप में नहीं दिखाया गया, बल्कि उन्हें एक प्रेरणा स्रोत के रूप में प्रस्तुत किया गया है।
कंपनी ने यह भी सवाल उठाया कि किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसकी प्राइवेसी का अधिकार क्या जारी रहता है? उनका कहना है कि अगर याचिकाकर्ता को इस फिल्म से कोई आपत्ति थी तो उन्हें सिनेमैटोग्राफ एक्ट की धारा 6 के तहत पहले केंद्र सरकार से अपील करनी चाहिए थी, न कि सीधे कोर्ट में आना चाहिए था।
7 नवंबर को तय है रिलीज डेट
फिल्म ‘हक’ का टीजर रिलीज होते ही सोशल मीडिया पर छा गया था और इसने समाज के विभिन्न वर्गों में बहस छेड़ दी। फिल्म में इमरान हाशमी और यामी गौतम की जोड़ी पहली बार साथ नजर आएगी। दोनों कलाकार इन दिनों फिल्म के प्रमोशन में व्यस्त हैं। फिल्म की रिलीज डेट 7 नवंबर तय की गई है, लेकिन अब इसकी रिलीज पर हाई कोर्ट के फैसले का इंतजार रहेगा।
शाह बानो केस भारतीय न्यायिक इतिहास में एक ऐतिहासिक मुकदमा रहा है, जिसने मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों और तलाक के बाद भरण-पोषण से जुड़े कानूनों पर व्यापक चर्चा को जन्म दिया था। ऐसे में फिल्म ‘हक’ पर उठे विवाद ने न केवल सिनेमा जगत बल्कि समाज के संवेदनशील तबके में भी एक बार फिर पुराने जख्मों को हरा कर दिया है। अब सबकी निगाहें हाई कोर्ट के फैसले पर टिकी हैं कि क्या फिल्म अपनी तय तारीख पर सिनेमाघरों तक पहुंच पाएगी या नहीं।
क्या था शाहबानो केस?
शाहबानो इंदौर की रहने वाली एक महिला थी. साल 1975 में शाह बानो के पति मोहम्मद अहमद खान ने उसे तलाक दे दिया, शाहबानो और उसके 5 बच्चों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया, उस समय शाहबानो की उम्र 59 साल की थी।
शाहबानो ने बच्चों के लिए हर महीने गुजारा भत्ता देने की मांग की, लेकिन उसके पति ने मोहम्मद अहमद खान ने शाह बानो को तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) दे दिया। जिसके बाद उसने किसी भी तरह की मदद करने से इनकार कर दिया।