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भोपाल में बजरंग दल के पोस्टर पर विवाद: "अपना त्योहार, अपनो से व्यवहार" ने खड़ा किया सियासी विवाद!

भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी में दीपावली से पहले बजरंग दल के एक पोस्टर ने नई सियासत को हवा दे दी है। पोस्टर में हिंदू समुदाय से दीपावली की खरीदारी केवल "अपनों" से करने की अपील की गई है, जिसे कांग्रेस ने विभाजनकारी और शर्मनाक करार दिया है। इस पोस्टर में लिखा है, "अपना त्योहार, अपनो से व्यवहार, दीपावली की खरीदी उनसे करें, जो आपकी खरीदी से दीपावली मना सकें।" इसके जरिए अन्य धर्म के व्यापारियों से सामान न खरीदने की अपील की गई है, जिससे राजधानी भोपाल में बहस का माहौल गर्म हो गया है।

विश्व हिंदू परिषद के प्रांत प्रचार प्रमुख जितेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि दीपावली सनातन धर्म का विशेष त्योहार है और इसे श्री राम के अयोध्या आगमन से जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि हर हिंदू के घर में दीपावली की रोशनी होनी चाहिए, इसलिए हिंदुओं को अपने समुदाय के लोगों से ही सामान खरीदना चाहिए। चौहान ने इसे स्वदेशी अपनाने का तरीका बताते हुए स्वदेशी वस्तुओं के प्रचार पर जोर दिया।

कांग्रेस ने बजरंग दल के इस कदम पर नाराजगी जाहिर की है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अवनीश बुंदेला ने इस अपील को "शर्मनाक" और "घटिया सोच का परिणाम" बताया। बुंदेला ने सवाल किया कि क्या बजरंग दल यह चाहती है कि हिंदू समुदाय अन्य धर्म के लोगों से फूलों और सब्जियों का भी व्यापार न करे। उन्होंने राज्य सरकार से इस मामले पर कार्रवाई की मांग की और बीजेपी पर आरोप लगाया कि वह ऐसे संगठनों के जरिए समाज में विभाजनकारी राजनीति कर रही है।

बीजेपी ने कांग्रेस पर किया पलटवार

बजरंग दल के इस कदम के समर्थन में बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता अजय सिंह यादव ने कहा कि कांग्रेस के समर्थन में ऐसे बयान स्वाभाविक हैं क्योंकि कांग्रेस सनातन धर्म के विरोध में खड़ी है। यादव ने कहा, “कई बार देखा गया है कि कुछ लोग हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने की कोशिश करते हैं, ऐसे में सामाजिक संगठनों की ओर से यह अपील आना स्वाभाविक है। हमें अपने त्योहारों पर स्वदेशी और अपने समुदाय के व्यापारियों को बढ़ावा देना चाहिए।”

भोपाल के व्यापारी संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी इस मुद्दे पर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दी हैं। कुछ व्यापारियों का कहना है कि त्योहार का उद्देश्य सामूहिकता और मेलजोल बढ़ाना होता है, ऐसे में धार्मिक आधार पर व्यवसाय के बंटवारे का समर्थन नहीं किया जा सकता। वहीं, समाजशास्त्रियों ने इसे समाज में अविश्वास और विभाजन बढ़ाने वाला कदम बताया है, जिससे आपसी सद्भावना पर नकारात्मक असर पड़ेगा।

त्योहार के मौसम में भोपाल के इस मामले ने जहां धार्मिक और सामाजिक सद्भावना पर सवाल खड़े किए हैं, वहीं राजनीतिक दलों के बीच तकरार भी बढ़ाई है। सवाल यह उठता है कि क्या त्योहारों को व्यवसायिक भेदभाव का साधन बनाना उचित है, या फिर सामाजिक मेलजोल और एकता पर जोर देना चाहिए। दीपावली का यह सियासी पोस्टर विवाद एक बार फिर समाज में सद्भावना और एकजुटता के महत्व को रेखांकित करता है, जिसे संरक्षित रखना सभी की जिम्मेदारी है।

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