भोपाल। जबलपुर शहर के बेलबाग थाना क्षेत्र से एक नाबालिग किशोर के साथ मारपीट और उसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। 17 वर्षीय किशोर पर मोहल्ले के छह युवकों ने मिलकर हमला किया और उसकी पिटाई का वीडियो बनाकर फेसबुक व इंस्टाग्राम पर अपलोड कर दिया। वीडियो वायरल होने के बाद किशोर बुरी तरह डर गया और खुद को तीन दिनों तक कमरे में बंद कर लिया। जब वह परिजनों को साथ लेकर पुलिस के पास पहुंचा, तो पहले उसकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
क्या है मामला?
घटना 11 जून की रात की है जब किशोर करीब 10:30 बजे घर का सामान लेने दुकान जा रहा था। तभी रास्ते में मोहल्ले के युवक कबीर समुंद्रे, ऋषि राज, हर्षित, रॉकी, आशीष और आर्यन ने उसे रोका और यह कहकर पास की गली में बुलाया कि पप्पू और गुड्डू चाचा बुला रहे हैं। गली में पहुंचते ही पप्पू और गुड्डू ने पुरानी रंजिश का हवाला देकर इन युवकों से उसकी पिटाई करवा दी। आरोप है कि पप्पू ने खुद इस घटना का वीडियो बनाकर उसे सोशल मीडिया पर डाल दिया।
किशोर ने जब वीडियो देखा, तो डर के मारे खुद को कमरे में बंद कर लिया। तीन दिन तक वह बाहर नहीं निकला। बाद में 13 जून को उसने माता-पिता को पूरी घटना बताई और वे उसे लेकर बेलबाग थाने पहुंचे। लेकिन पुलिस ने यह कहकर मामला दर्ज करने से इनकार कर दिया कि यह 'लड़कों की आपसी लड़ाई' है।
निराश किशोर शनिवार को परिजनों के साथ एसपी ऑफिस पहुंचा और एएसपी समर वर्मा से मुलाकात कर वीडियो दिखाया। एएसपी वर्मा ने तत्काल बेलबाग थाना प्रभारी को जांच के निर्देश दिए और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
द मूकनायक से बातचीत करते हुए विधि विशेषज्ञ अधिवक्ता मयंक सिंह ने बताया, कि किसी नाबालिग के साथ मारपीट कर उसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल करना केवल एक सामान्य अपराध नहीं, बल्कि सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (IT Act) और पॉक्सो एक्ट (POCSO Act) के तहत एक गंभीर साइबर अपराध है। ऐसे मामलों में पुलिस को तत्काल मामला दर्ज कर सभी आरोपियों को गिरफ़्तार करना चाहिए।
संबंधित कानून के तहत सजा के प्रावधान:
आईटी एक्ट, धारा 66(E): निजता भंग करने पर 3 साल तक की सजा और जुर्माना।
पॉक्सो एक्ट की धारा 11 और 12: यौन उत्पीड़न की परिभाषा में आते मामलों में 3 से 5 साल तक की सजा।
आईपीसी की धारा 323, 341, 506, 34: मारपीट, धमकी, समूह में अपराध जैसे मामलों में सजा का प्रावधान।