MP: धीरेंद्र शास्त्री की सनातन एकता पदयात्रा के विरोध में दलित-पिछड़ा समाज संगठन, कहा- यह यात्रा संविधान और सौहार्द्र के खिलाफ

01:56 PM Nov 01, 2025 | Ankit Pachauri

भोपाल। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री द्वारा प्रस्तावित सनातन एकता पदयात्रा को लेकर दलित-पिछड़ा समाज संगठन ने मोर्चा खोल दिया है। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष दामोदर यादव ने शनिवार को भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस यात्रा का कड़ा विरोध जताते हुए कहा कि यह यात्रा देश के संवैधानिक ढांचे, धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक सौहार्द्र को भंग करने वाली है।

यादव ने कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है और किसी भी व्यक्ति या समूह को यह अधिकार नहीं है कि वह किसी एक धर्म या समुदाय की श्रेष्ठता स्थापित करने की दिशा में अभियान चलाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार इस यात्रा पर रोक नहीं लगाती है तो संगठन सोमवार को उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल करेगा।

राष्ट्रपति को भेजा पत्र, अब कोर्ट का रुख करेगा संगठन

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दामोदर यादव ने बताया कि संगठन ने 20 अक्टूबर को राष्ट्रपति को इस यात्रा को रोकने के लिए लिखित पत्र और ई-मेल भेजा था, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा, “हमने लोकतांत्रिक और संवैधानिक प्रक्रिया के तहत राष्ट्रपति को अवगत कराया, लेकिन जब कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली तो अब हमें न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाना पड़ेगा।”

यह यात्रा समाज में नफरत फैलाने का प्रयास

दामोदर यादव ने कहा कि धीरेंद्र शास्त्री की कुछ घोषणाएँ और वीडियो ऐसे हैं, जो स्पष्ट रूप से समाज में सांप्रदायिक वैमनस्य फैलाने का प्रयास करते हैं। उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य देश के संविधान, धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक सौहार्द्र की रक्षा करना है। किसी भी व्यक्ति या संगठन द्वारा सांप्रदायिक भावनाएँ भड़काकर समाज में फूट डालने के प्रयास को हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।”

उन्होंने यह भी बताया कि संगठन द्वारा संबंधित वीडियो के आधार पर एफआईआर दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।

धीरेंद्र शास्त्री ने दी जान से मारने की धमकी!

दामोदर यादव ने गंभीर आरोप लगाया कि हरियाणा में एक सार्वजनिक मंच से धीरेंद्र शास्त्री ने उन्हें गालियां दीं और जान से मारने की धमकी दी। यादव ने कहा, “उन्होंने कहा कि जो हमारी यात्रा रोकना चाहता है, उसका मोबाइल नंबर होता तो मैं फोन पर ही ठठरी बार देता। बुंदेलखंड में ठठरी बार देना का अर्थ है किसी को जला देना।”

उन्होंने कहा कि किसी संत की भाषा ऐसी नहीं हो सकती। शास्त्री धार्मिक कथाओं के माध्यम से समाज में उन्माद फैलाने का काम कर रहे हैं।

प्रदेशभर में होगा विरोध- 2 से 6 नवंबर तक आंदोलन

दलित-पिछड़ा समाज संगठन ने 2 से 6 नवंबर तक प्रदेशव्यापी विरोध कार्यक्रम की घोषणा की है। इस दौरान मध्य प्रदेश के दर्जनों जिलों में धरना, प्रदर्शन, ज्ञापन और शांतिपूर्ण पुतला दहन किए जाएंगे। भोपाल में 3 नवंबर को रोशनपुरा चौराहे पर संगठन के कार्यकर्ता एकत्र होकर धीरेंद्र शास्त्री का पुतला दहन करेंगे और राजभवन जाकर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपेंगे।

धीरेंद्र शास्त्री संत नहीं, पाखंड फैला रहे हैं?

यादव ने कहा, “27 साल का एक लड़का जो आडंबर और पाखंड फैलाने का काम कर रहा है, उसकी न केवल यात्रा बल्कि कथा भी रोकी जानी चाहिए। कोई सच्चा संत समाज में भेदभाव या नफरत नहीं फैलाता। वह खुद कहता है, अछूत हमसे दूर हो जा! क्या यह किसी संत की भाषा है?”

उन्होंने कहा कि संगठन अब यह तय कर रहा है कि किस थाने में धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाए।

विरोध की लहर शुरू- “संविधान की रक्षा के लिए सड़कों पर उतरेंगे”

संगठन के पदाधिकारियों ने बताया कि प्रदेश के कई जिलों में पहले ही विरोध प्रदर्शन की तैयारी शुरू हो चुकी है। छतरपुर, टीकमगढ़, सागर, ग्वालियर, विदिशा, रीवा, जबलपुर, इंदौर और भोपाल में कार्यकर्ताओं की बैठकें हो चुकी हैं।

द मूकनायक से बातचीत में दामोदर यादव ने कहा, “हम संविधान के अनुच्छेद 25 से 28 तक दिए गए धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का सम्मान करते हैं, लेकिन किसी एक धर्म को राष्ट्रधर्म घोषित करने या दूसरों को नीचा दिखाने के प्रयास का विरोध हमारा कर्तव्य है।”