लखनऊ। उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के टड़ियावां ब्लॉक की दो ग्राम पंचायतों, रावल और अलीशाबाद, के आईडी से सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (CRS) पोर्टल पर 500 से अधिक फर्जी जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किए जाने का मामला सामने आया है। इस सिलसिले में शनिवार देर रात एफआईआर दर्ज की गई।
प्रशासन को शक है कि सीआरएस पोर्टल को हैक कर 505 फर्जी जन्म प्रमाण पत्र और 23 मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किए गए। ग्राम विकास अधिकारी (VDO) राजीव श्रीवास्तव ने टड़ियावां थाने में इस मामले में औपचारिक पुलिस शिकायत दर्ज कराई है।
राजीव श्रीवास्तव के मुताबिक, यह मामला 13 जून को उस वक्त सामने आया जब वह किसी सरकारी काम के लिए CRS पोर्टल में लॉगिन करना चाह रहे थे, लेकिन पासवर्ड गलत बताया गया। जब उन्होंने ‘फॉरगॉट पासवर्ड’ प्रक्रिया शुरू की, तो पाया कि पोर्टल से जुड़ी ईमेल आईडी बदल दी गई थी।
आगे जांच करने पर पता चला कि पोर्टल उन ईमेल आईडी से एक्सेस किया गया था जिनका उनसे कोई संबंध नहीं था। राजीव ने इस बारे में स्वास्थ्य विभाग के उस अधिकारी को जानकारी दी जो CRS पोर्टल देख रहा था। अधिकारी ने भी इस अनधिकृत बदलाव की पुष्टि की। हालांकि, पासवर्ड बदलकर व्यवस्था ठीक करने के कुछ घंटों बाद ही पोर्टल कथित तौर पर दोबारा हैक कर लिया गया।
इसी तरह की घटना जनवरी और फरवरी में अलीशाबाद ग्राम पंचायत में भी सामने आ चुकी है, जिससे इस तरह की गड़बड़ी को योजनाबद्ध और बार-बार किया गया साइबर हमला माना जा रहा है।
गौरतलब है कि CRS पोर्टल वह आधिकारिक मंच है जिसके जरिये शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में डिजिटल हस्ताक्षरित जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किए जाते हैं। लोग ऑनलाइन आवेदन करते हैं, जिसे अधिकारी सत्यापित करने के बाद ई-सर्टिफिकेट जारी करते हैं।
हरदोई के पुलिस अधीक्षक (एसपी) नीरज कुमार जादौन ने बताया कि इस मामले में IPC और IT एक्ट की धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है। उन्होंने कहा, “यह गंभीर मामला है। विस्तृत जांच जारी है और हम जल्द ही इसमें शामिल पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश करने की उम्मीद कर रहे हैं।”
गौर करने वाली बात यह है कि इससे पहले रायबरेली जिले में भी फर्जी जन्म प्रमाण पत्र घोटाला सामने आया था। 18 जुलाई पिछले साल इसका खुलासा हुआ था, जिसमें मोहम्मद जीशान और उसके साथियों ने बिहार, तमिलनाडु, केरल और पंजाब जैसे राज्यों की फर्जी पहचान के आधार पर जन्म प्रमाण पत्र जारी किए थे। उस घोटाले में सलोन ब्लॉक के 11 गांवों में कम से कम 52,000 फर्जी जन्म प्रमाण पत्र ग्राम विकास अधिकारी के लॉगिन का दुरुपयोग कर जारी किए गए थे।
उत्तर प्रदेश एटीएस ने उस मामले की जांच के बाद 10 लोगों को गिरफ्तार किया था, जिनमें ग्राम विकास अधिकारी विजय सिंह यादव भी शामिल थे, जिनकी आधिकारिक लॉगिन आईडी का इस्तेमाल घोटाले को अंजाम देने में किया गया था।